हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस्लामी क्रांति के संरक्षक बल आईआरजीसी ने अपने पहले बयान में कहा है कि इस्लामी गणराज्य ईरान के दुश्मनों के हालिया आतंकवादी अपराधों के जवाब में जासूसी मुख्यालय और क्षेत्र के कुछ हिस्सों में ईरान विरोधी आतंकवादी समूहों के ख़ुफ़िया ठिकानों को आईआरजीसी ज़रिए बैलिस्टिक मिसाइलों द्वारा निशाना बनाकर उन्हें नष्ट कर दिया गया है।
अपने दूसरे बयान में आईआरजीसी ने कहा है कि "किरमान" और "रास्क" में आतंकवादी समूहों के हालिया अपराधों के जवाब में सीरिया के अवैध अधिकृत क्षेत्रों में मौजूद तकफ़ीरी आतंकवादी गुट से संबंधित ठिकानों, दाइश के कमांडरों और मुख्य तत्वों के अड्डों और एकत्रित होने के स्थानों की पहचान करके उन्हें बैलिस्टिक मिसाइलों से निशाना बनाया गया है।
इस जवाबी कार्यवाही में जिन-जिन लक्ष्यों को निशाना बनाया गया था वह सभ तबाह हो गए हैं। बता दें कि आईआरजीसी ने अपनी इस कार्यवाही में आतंकवादी गुटों और उनके समर्थकों के उन्हीं ठिकानों को निशाना बनाया है कि जहां से हाल ही में ईरान के किरमान और रास्क में अंजाम दी गई आतकंवादी कार्यवाहियों के तार जुड़े हुए थे।
आईआरजीसी के बयान में आया है कि हम महान ईरानी जनता को यह आश्वासन देते हैं कि वह ईरानी राष्ट्र का बुरा चाहने वाले आतंकवादी गुट और उनके समर्थक जहां भी होंगे हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे और उन्हें उनके द्वारा अंजाम दिए गए जघन्य और मानवता को शर्मसार कर देने वाले कृत्यों के लिए दंडित करेंगे।
ग़ौरतलब है कि बुधवार, 3 जनवरी की शाम को, ईरान के महान योद्धा जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत की चौथी बरसी के कार्यक्रम के दौरान, दक्षिणी ईरान में किरमान शहर के गुलज़ारे शोहदा नामक क़ब्रिस्तान की ओर जाने वाले रास्ते पर जनरल क़ासिम सुलेमानी की बरसी के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे लोगों को निशाना बनाते हुए दो आतंकवादी विस्फोट हुए।
जिसके परिणामस्वरूप कई बच्चों सहित 94 लोग शहीद हो गए थे। जबकि दर्जनों लोग घायल भी हुए थे। इस आतंकवादी कार्यवाही की ज़िम्मेदारी आतंकी गुट दाइश ने ली थी।
इसी तरह आईआरजीसी ने अपने तीसरे बयान में यह भी कहा है कि रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और रेज़िस्टेंस फ्रंट के कमांडरों को शहीद करने में ज़ायोनी शासन के हालिया अपराधों के जवाब में, इसकी ख़ुफ़िया एजेंसियों विशेषकर मूसाद के मुख्यालय और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बैलिस्टिक मिसाइलें फ़ायर की गई हैं।
जिसके नतीजे में मूसाद का मुख्यालय तबाह हो गया है। इस बीच विदेशी मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में यह दावा किया है कि इराक़ी कुर्दिस्तान की राजधानी एरबिल से क़रीब 40 किमी उत्तर-पूर्व में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के साथ-साथ कई अमेरिका-इस्राईली ठिकानों के पास से विस्फोटों की आवाज़ सुनी गई।
दो अमेरिकी अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि ईरान के मिसाइल के हमलों से कई महत्वपूर्ण ठिकाने प्रभावित हुए हैं। वहीं ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से वॉशिंग्टन से लेकर तेलअवीव तक हड़कंप मच गया है।